मातृभूमि गीत
कयी रूप में आये विधाता।
एक रूप है उनमें माता।।
कड़ी धूप में छाया बन जाये।
खुद भूखी रहके खिलाये।।
खुद की ना चिन्ता जिसको हो।
कभी ना पर है महान वो।।
।।जय हो जय हो।।
।।जय हो जय हो।।
।।जय हो जय हो ।।
।।जय हो जय हो ।।
माँ जैसी मातृभूमि है।
जो हमारे कारण जखमी है।।
अन्याय है क्यूँ?
गम क्यूँ है?
निशब्द खड़े
हम क्यों है ?
माँ जैसी मातृभूमि है।
जो हमारे कारण जखमी है।।
अन्याय है क्यूँ?
गम क्यू है ?
निशब्द खड़े
हम क्यू है ?
क्यूँ डंड हो ?
अब जागे जा प्रचंड हो।।
।।जय हो जय हो ।।
।।जय हो जय हो ।।
।।जय हो जय हो ।।
।।जय हो जय हो ।।
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