मजबूत रिश्तों की कुछ बातें...
यह कहने की जरूरत नहीं है कि इन दिनों जिंदगी में गजब का बदलाव आया है। बिजनेस,
ऑफिस, स्कूल, सब कुछ ऑनलाइन होने लगा है। उस पर सामाजिकता में आई कमी से मानसिक व
भावात्मक सेहत पर भी असर पड़ा है। सारा परिवार कई दिनों से साथ है, जिस कारण मन की
चिंता, डर, निराशा, सब आपस में ही एक दूसरे पर निकल रही है। यही वो वक्त है, जब
हमें अपने परिवार के लिए अच्छा माहौल बनाने में पहले से कहीं ज्यादा कोशिश करनी
है।
सबको सुनिए भी
यह बात समझनी होगी कि तनाव
के प्रति हमारा व्यवहार क्या हो, यह हर किसी के लिए अगल हो सकता है। आप मजबूत है,
पर जरूरी नहीं कि परिवार के बाकी सदस्य भी वैसे ही हों। आपके लिए यह कहना आसान है
कि अरे चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। पर, हो सकता है कि परिवार का कोई सदस्य
इससे सामंजस्य ना बैठा पा रहा हो। ऐसे में आप उनके प्रति नर्म रहें, दयालुता का
भाव रखें। उनमें तनाव की झलक दिखे, तो उनके मन की बात जरूर सुनें। परिवार में सबको
अपने दिल की कहने के लिए प्रेरित करें। कभी-कभी बस सुनना सबसे अच्छी दवा होती हैं।
उन्हें महसूस होगा कि आप उनके साथ खड़े हैं और इस तरह वो इस स्थिति का सामना करने
में सबल बनेंगे।
अपने लिए एक जगह ढूंढ़ें
हर शख्स को अपने ही घर में एक कोना
ऐसा चाहिए होता है, जहां वो थोड़ी देर अकेले रह सके। अपने लिए ऐसा कोना सुनिश्चित
जरूर करें। इस बात को लेकर गुस्सा करने का कोई मतलब नहीं हैं। इसके बजाय अपने साथी
से इसके बारे में बात करें। अपनी आवश्यकताओं के बारे में नम्रता और सज्जनता से बात
करें। प्यार से कहेंगे, तो उसके पूरे होने की संभावनाएं ज्यादा होंगी
सराहें जरूर
परिवार में दूसरों की अच्छी
बातों पर ध्यान रखें। ऑफिस और घर के काम साथ करने में आप निश्चित रूप से थक जाते
होंगे। तो ये वक्त नहीं है कि परिवार में सब एक-दूसरे को गलत बताते रहें। हर कोई
अपनी तरह से अच्छा करने की कोशिश कर रहा है। आपकी सराहना और उनका मोल समझने की
भावना उन्हें महसूस कराएगी कि आपके लिए वो भी मानये रखते हैं।
खुद की परवाह
परिवार के साथ अच्छा रिश्ता रहे,
ये कोशिश शुरु होती है आपसे। अपनी मानसिक व शारीरिक सेहत का ध्यान रखना दूसरों से
अपने रिश्तों को खुशहाल रखने का एक दमदार तरीका है। पानी से भरा गिलास ही दूसरों
की प्यास बुझा सकता है। इसलिए महामारी के इस दौर में इस आसान सी बात को अपने लिए
हमेशा याद रखें।
दिन की शुरुआत ध्यान से
शांति से चुपचाप बैठना,
अपनी सांसों पर ध्यान रखना, अपने दिलो-दिमाग से नाता जोड़ना आपको एक सकारात्मक मन
स्थिति में ले आता है। जहां आप हर चीज को बेहतर तरीके से संभाल पाते हैं।
कोई व्यायाम चुनें
रोजाना 20 मिनट योग, स्ट्रेचिंग,
जॉगिंग या वॉकिंग करें। ये सारे ऐसे कम हैं, जो घर से अपनी सुविधानुसार किए जा
सकते हैं। इसके अलावा एक अच्छी नींद भी जरूरी है, तो वक्त पर सोएं और नियमित समय
पर जगें। दिन शुरु करने की आपाधापी नहीं होगी और आपको सकारात्मक व केंद्रित रहने में
भी मदद मिलेगी।

2 Comments
Bhai apka knowledge ka Kamal ka hai
ReplyDeleteAmazing
ह्रदय से धन्यवाद आपको
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