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rishi pranali abhyas 52 in hindi|| ऋषि प्रणाली अभ्यास-52 लिखित

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Exercise_52

     कुछ माह पहले जैसी रेल दुर्घटना विहटा में हुई प्रायः वैसा ही या उस से भी अधिक भीषण कांड आज सुबह बमरौली में हुआ। कहा जाता है कि जिस-समय लगभग 5 बजे सुबह बमरौली स्टेशन पर एक मालगाड़ी लूप-लाइन पर ली गई उस समय तूफान-मेल के लिए सिग्नल न गिराया गया था। इस समय घना कोहरा होने के कारण मेल के ड्राइवर को कुछ दिखाई न पड़ा। जैसे-ही मालगाड़ी रुकने वाली थी वैसी ही तूफान-मेल का आमना-सामना होने से दोनों गाड़ियाँ बुरी-तरह से लड़ गयीं। फलतः उसी समय कई आदमी सदा के लिये सो गये और बहुतेरे इस-प्रकार से घायल हो गये कि उनका बिल्कुल अच्छा होना हमेशा के लिये असम्भव सा हो गया है। इस समय बमरौली से सर्वप्रथम डिवीजनल सुपरिटेन्डेन्ट को सूचना कर दी गई है और वे सब से पहले घटनास्थल पर पहुँचे। इसके बाद लगभग 7 बजे एक रिलीफ ट्रेन वहाँ पहुँच गई। तत्पश्चात् मोटर वालों से खबर मिलने पर शहर में यह समाचार उसी प्रकार फैला जिस प्रकार से जंगल में आग फैलती है। फिर क्या था इधर-उधर से स्वयं सेवकों के दल जिस-किसी प्रकार फैलती है। फिर क्या था इधर-उधर से स्वयं सेवकों के दल जिस-किसी प्रकार बन सका उसी प्रकार पीड़ितों की सहायता के लिये पहुँचे। इन सबसे पहले मुर्दों और घायलों को निकालकर आवश्यक प्रबन्ध किया। जो सख्त घायल थे उनके लिये भी यथोचित प्रबन्ध कर दिया गया। इसी समय हजारों आदमी इस दर्दनाक दृश्य को देखने और यह जानने के लिये पहुँचे कि दर्घटना किस प्रकार और किस कारण से हुई। इस सम्बन्ध में सरकारी तौर से भी जाँच शुरु हो गयी है। जिनकी जान किसी-प्रकार से भी बच सकी थी उनके चेहरों की ओर गौर करके देखने से मालूम होता था कि वे सब अनन्य भक्ति से ईश्वर की धन्य-धन्य मना रहे थे।

--कुल शब्दः 293--

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