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अपने आप से कैसे खुश रहें ।। How to happy with your self।। खुशी देगा खुद से जुड़ना

खुशी देगा खुद से जुड़ना

         जब मन, शरीर और सांस एक-दूसरने के सामंजस्य में काम करते हैं, तो जीवन की यात्रा शांत, खुशहाल और अधिक संतोषजनक होती है। खुद से जुड़ना खुशी देता है। और यह तभी संभव है,जब आपकी जीवनशली आपको शांति और सेहत का तोहफा दे।

सकारात्मकता आती है

        आज ज्यादातर लोगों को दफ्तर पसंद है। सब कुछ चाहिए मिनटों में। पर इस भागदौड़ के बीच मन का चैन कहीं गायब है, क्योंकि हम अपने अंतर्मन से तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। जीवन के सारे सुख पाना चाहते हैं, लेकिन शरीर और मन की उपेक्षा करके। हमारा वही रवैया हमें तनाव दे रहा है। इससे नींद खराब हो रही है और शारीरिक सेहत प्रभावित हो रही है। फिर इसका समाधान क्या है? तो जवाब है योग कई शोध में भी यह बात सामने आई है कि जो लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं, उन्होंने अपने जीवन में शारीरिक और मानसिक स्तर पर कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं।

मन पर कंट्रोल

        छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना। धैर्य खोना, क्रोध में आकर कुछ भी बोल देना। ये सब मन पर नियंत्रण न होने की वजह से होता है। ये मन ही है, जो सुख और दुख दोनों के लिए जिम्मेदार है। स्वस्थ मन के बिना स्वस्थ शरीर नहीं हो सकता है। इसलिए नियमित योग अभ्यास द्वारा हमें अपने मन की प्रकृति को समझने और इसे नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। क्रोध या मुश्किलों के समय में, स्थिर मन किसी भी चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करने में मदद करेगा और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सहनशक्ति और धैर्य भी देगा। योग के द्वारा हम सभी विचारों को अच्छे विचारों में बदलने का प्रयास करते हैं।

अनुशासन के लिए जरूरी

        ऋषि पतंजलि ने योग के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने प्रचार किया कि मानव जीवन स्वास्थ्य पर आधारित है और स्वास्थ्य के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं हो सकता। ऐसा इसलिए कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए शरीर सबसे आवश्यक है। लेकिन शरीर के लिए अनुशासन सबसे जरूरी है। अपने रिश्तों में सुधार करना, स्वस्थ आहार का पालन करना, एक नया शौक सीखना, यहां तक कि अपने क्रोध और भावनाओं को नियंत्रित करना। अनुशासन के बिना कोई भी सफलता संभव नहीं है। और आपको बता दूं कि योग के सभी अभ्यास अनुशासन पर आधारित है। ये अभ्यास आफमें अधिक जागरुकता लाते हैं।

        आप अपने मन और शरीर को बेहतर ढंग से समझने लगते हैं। आप अपनी जरूरतों के साथ और अधिक जुड़े हुए हैं। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से मानसिक अनुशासन प्राप्त करने में भी मदद मिलती है, जो अंततः किसी की दिनचर्या का एक अभिन्न अंग बन जाता है। आप अपने काम, आदतों और जीवनशैली में बड़े सकारात्मक बदलाव देखेंगे। आप अपने जीवन और आपके पास जो कुछ भी है उसकी सराहना करना शुरु कर देंगे।

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