दुष्टों की दोस्ती
एक बार
एक गाँव में एक महात्मा जी आए। गाँव वालो ने श्रद्धापूर्वक उनके रहने की व्यवस्था
एक झोपड़ी में की। रोज गाँव वाले फल, मिठाई तथा खाना दे जाते थे। इस प्रकार
महात्मा जी का गुजारा हो जाता था। अगर किसी दिन महात्मा जी को खाना नहीं मिलता तो
उपवास कर लेते थे।
कुछ
दिन इसी तरह बीत गए। महात्मा जी ने लगातार
उपवास शुरु किए। कुछ खाना भी नहीं और पानी भी नहीं। एक महा के पश्चात गाँ वालो ने
एक दुधारू भैस महात्मा को लाकर दी 1 भैस भी उसी झोपड़ी में रहने लगी एक दिन एक चोर
के मन में उस भैस को चुराने को कुबुद्धि पैदा हुई। चोर अंधेरी रात को झोपड़ी की और
भैस चुराने की योजना बनाकर चल दिया।
थोड़ा
आगे जाने पर उस चोर को एक आदमी मिला। चोर ने उस
आदमी से कहा तुम कौन हो मेरे पीछे क्यों चले आ रहे हो? तुम अपने रास्ते
क्यों नहीं चले जाते। इस पर उस आदमी ने कहा कि मैं भूत हूँ। जब से महात्मा गाँ में
आए है सब लोग शान्ति से रहने लगे है। इसीलिए मेरे कार्य में बाधा पहुंचती है गाँव
में अत्याचार, पाप और अन्याय बहुत कम हो गए। अतः मैं महात्मा जी को मारकर प्रभुत्व
जमाना चाहता हूँ। तभी चोर बोला मेरा उद्देश्य महात्मा को मारने का नहीं है असल में
मेरा पेशा चोरी है। मैं उस भैस को चराने जा रहा हूँ जो महात्मा जी के पास है चोर
ने सच बात कह दी।
भूत और
चोर दोनो महात्मा जी को हानि पहुँचाने जा रहे थे। इसीलिए दोनो में दोस्ती हो गई।
दोनो दोस्त झोपड़ी की ओर चल पड़े। वहाँ पहुँचने पेर देखा महात्मा जी सो रहे थे। चोर
मन ही मन सोचने लगा अगर भूत ने पहले महात्मा जी को मारा तो लोग जमा हो जाएंगे और
मैं भैस की चोरी कैसे कर सकूँगा? इसीलिए पहले मुझे काम करना होगा। उसी वक्त भूत भी
मन में विचार करने लगा कि अगर चोर पहले भैंस को चुराएगा तो भैंस चिल्लाएगी और
महात्माजी जाग जाएंगे। मैं महात्मा जी को मार नहीं सकूँगा। इस पर भूत ने चोर से
कहा मैं महात्मा जी को मार दूंगा। तब तुम भैस हांग कर ले जाना। चोर ने कहा-ऐसी कभी
नहीं हो सकता। पहले मैं भैस को चुरा ले जाऊ तब तुम महात्मा जी को मारते रहना यह
काम तो हल्का सा है।
इस बात
को लेकर दोनो में झगड़ा हो गया विवाद बढ़ता गया। दोनो चिल्लाकर कहने लगे कि पहले
मैं अपना काम पूरा करूँगा। इतने में चोर चिल्लाकर कहा कि भूत महात्माजी को मारने
आया है सावधान हो जाओ। दोनों की आवाजे सुकर महात्मी जी जाग गए। गाँव वाले भई हाथ
में लाठी तलवार लेकर आ पहुँचे। लोगो ने चोर को पकड़ लिया और ओझो ने भूत को बंदी
बनाकर मारण होम किया। किसी ने ठीक कहा है दुष्टों के बीच दोस्ती ज्यादा तर तक नहीं
टिकती।

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