मेरे प्रिय स्नेहीजन,
आज से एक साल पहले भारतीय
लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण
बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय
को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए अवसर है
आपकों नमन करने का, भआरत और भारतीय लोकतंत्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम
करने का।
यदि सामान्य स्थिति होती तो
मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की
वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं, उन परिस्थितियों में मैं इस पत्र के द्वारा आपके
चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं।
बीते वर्ष में आपके स्नेह,
शुभाशीष और आपके सक्रिय सहयोग ने मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है। इस
दौरान आपने लोकतंत्र की जिस सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए, वह आज पूरे विश्व के लिए
एक मिसाल बन चुकी है।
वर्ष 2014 में आपने, देश की
जनता में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए
वोट किया था। उन पांच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के
दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन पांच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के
साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है।
उस कार्यकाल में जहां विश्व
में भारत की आन बान शान बढ़ी, वहीं हमने गरीबों के बैंक खाते खोलकर, उन्हें मुफ्त
गैस कनेक्शन देकर, मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय बनवाकर, घर बनवाकर गरीब की
गरिमा भी बढ़ाई।
उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वर पेंशन, वन नेशन वन टैक्स-जी.एस.टी, किसानों की एम.एस.पी की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया।
उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई, वहीं हमने वन रैंक वर पेंशन, वन नेशन वन टैक्स-जी.एस.टी, किसानों की एम.एस.पी की बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया।
पिछला कार्यकाल देश की अनेक
आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा।
वर्ष 2019 में आपका
आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के बड़े सपनों के लिए था,
आशाओँ-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े
सपनों की उड़ान हैं।
आज जन-मन से जुड़ी जन मन की
जन शक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने
सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर
निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।
भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा
में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’, इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो
या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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