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मालिश करने का सही तरीका।।what is the right way of malish|| मालिश के फायदे

                मालिश




मालिश से तन और मन दोनों के तनाव दूर होते हैं। शरीर को ताजगी देने का अति प्रचीन तरीका है। छोटे-बड़ों से लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए भी मालिश अच्छी मानी जाती है। इससे मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है और शरीर को आराम मिलता है।

सही तरीका

तेल को उस भाग पर लगाए, जिसकी मसाज करनी है। फिर धीरे-धीरे मालिश करें, जब तक कि तेल पूरा सूख न जाए। इसके बाद हथेलियों और उंगलियों के द्वारा ऊपर की ओर स्ट्रोक लगाएं, न बहुत तेज, न बहुत धीमे। प्रेशर केवल मांसपेशियों पर लगना चाहिए, हड्डियों पर नहीं। अमेरिकन मसाज थेरेपी एसोसिएशन के असार, गठिया या हड्डियों की समस्या है तो उनके प्रेशर पॉइंट्स तेजी से न दबाए, फ्रैक्चर या दर्द बढ़ सकता है।

क्या हैं लाभ

डॉ. महाजन कहते हैं, नियमित मालिश से रक्त संचरण बढ़ता है। शरीर से टॉक्सिन निकलते हैं। मांशपेशियां मजबूत व लचीली बनी रहती हैं। मसाज के लिए अलसी, नारियल तिल, सरसों व जैतून का तेल अच्छा मानते हैं। ये तेल त्वचा के सौंदर्य, जोड़ों के दर्द, अकड़न व सूजन में आराम देते हैं.। 50 की उम्र के बाद मालिश जरूर करनी चाहिए।


धूप सेंकन

विटामिन डी को पाने का सबसे आसान तरीका है गुनगुनी धूप में कुछ समय बिताना। यह तन और मन को स्वस्थ रखता है। नियमित थोड़ी देर धूप में जरूर बिताएं। सर्दियों में धूप सेंकने में मजा भी आता है।

सही तरीका

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट के निदेशक डॉ. रमणीक महाजन के अनुसार, धूप में बैठने के लिए सुबह 7-9 या शाम को 4-6 बजे का समय बढ़िया रहता है। इस समय शरीर धूप को बेहतर सोख पाता है। जब भी धूप में बैठें, शरीर का 40 प्रतिशत हिस्सा खुला रकें। विटामिन डी, धूप के त्वचा के संपर्क में आने से बनता है। इस दौरान सनस्क्रीन न लगाएं। सप्ताह में 3-4 बार 15 मिनट की धूप जरूर लें। बहुत ज्यादा धूप लेने से बचें।

क्या हैं लाभ

·         धूप से विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों के लए जूररब है। यह विटामिन कैल्शियम के मेटाबॉलिज्म में भी सहायता करत है, जिससे हगगठिया का खतरा कम होता है। नींद बेहतर आती है, शरीर में मेलेटोनिन का स्तर सही रहता है। सूरज की रोशनी हमारे मूड को भी प्रभावित करती है।

·         सूरज की किरणें जब त्वचा पर पड़ती हैं तो रक्त में नाइट्रिक एसिड रिलीज होता है, इससे रक्तदाब कम होता है, जिससे ह्रदय रोगों और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। इम्युनिटी बढ़ती है।


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