योग की पुकार
यह योग गीत हमें दर्शाता है कि योग हमारे जीवन में कितना महत्तवपूर्ण है और ये हमारे जीवन के लिये कैसे उपयोगी है। योग की पुकार कैसे हमें प्रेरणा देता है योग करने के लिए.........।
योग की पुकार है योग की बहार है ,
योग से प्रसन्न आज सर्व संसार है।।
योग ने किया बलिष्ट आज सर्व जीव को,
योग से मिली सदैव शान्ति व्यग चित्त को।।
सुपुष्ट गात्र ये सभी योग का प्रभाव है,
योग से प्रसन्न आज सर्व संसार है।।
ध्यान में रमें सभी ये योग के महात्यय से,
श्वास प्रश्वास को मिला प्रवाह योग से,
विचार शून्य चित्त में एक वत्म ज्योति है,
योग से प्रसन्न आज सर्व संसार है।।
यदा कदा भटक रहा यह चित्त दूर देश में,
निरोग चित्त वृत्ति का हुआ भटान योग में,
सुखानु पूर्ति हो प्रबल ये आसमाँ की देन है,
योग से प्रसन्न आज सर्व संसार है।।
लेखक
(अमोल उपाध्याय)
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